शनिबार, १५ बैशाख २०८१

सारे जहाँ से पेयारा नेपाल है हमारा “राष्ट्रिय गान”

अन्सार नेपाली

१८ जेष्ठ २०७५, शुक्रबार १७:०९ मा प्रकाशित

राष्ट्रिय गान

सारे जहाँ से पेयारा नेपाल है हमारा

बन कर चमक रहा है आंखों में सब के तारा

ए ऊंचे ऊंचे पर्बत ए मुस्कुराते पव्दे

कुदरत ने इस को बख्शा कितना हसिं नाज़रा

लोरी सुना रही हैं तालाब और  नदियाँ

चश्मे हैं गुन्गुनाते मवजों का है कीनारा

जंगल हरे भरे हैं शादाब खेतियाँ हैं

सर सब्ज वादिओं को फूलों ने है निखारा

अए ! दामने हीमाला तु है निशाने अज्मत

छु कर तेरे लबों को अफ्लाक ने संवारा

हीमाल हो पहाडी या हो तराई खित्ता

मेची से महा काली नेपाल है हमारा

शम्सो कमर का पर्चम हाथों में है हमारे

खाके वतन का ज़र्रा है नूर का मिनारा

मज्हब से है अकिदत , तह्जीब से है उल्फत

इन्सानियत का रिश्ता मजबूत है हमारा

कोई हमारी जानीब नज्रें उठा कर देखे

मुझ्को नहीं गवारा , अपना वतन है पेयारा

अन्सर कि ए दुआ है या रब रहे सलामत

नेपाल है दुलारा , हर दिल का है सीतारा –

रचना कार :अन्सार नेपाली

तपाईंको प्रतिकृयाहरू

प्रधान सम्पादक

कार्यालय

  • सुचनाबिभाग दर्ता नं. ७७१
  • news.carekhabar@gmail.com
    विशालनगर,काठमाडौं नेपाल
Flag Counter